इंटरनेट पर छ.ग. का पहला गीत संग्रह
( अंतरजाल पर ब्लॉग प्रौद्योगिकी में हिंदी गीतों की पहली ऑनलाइन कृति)
..........000..........
* परिचय
//अनुक्रमणिका//
1 कबीरा
2 बिखरे हुए घर-बार
3 ज्ञान का पहिया
4 सियासत
5 सूरज है ढलने को
6 वीर लोग
7 तब की बातें
8 गाँव
9 ज़िंदगी
10 वह मेरा भगवान नहीं था
11 अब क्या होना पाठक जी
12 हम बैठे खामोश
13 फागुन आया री
14 अपना ही संसार
15 कैसे गाऊँ
16 मूर्तियाँ
17 रस्ता कट जाएगा
18 बेवफ़ा समंदर है
19 पंखों का विस्तार
20 आग लगाता है
21 मंजर देख ज़रा
22 बीती बात
23 घरौंदे की तरह
24 बादलों ने
25 स्वारथ
26 पैग़ाम लिखा
27 अकेला हो गया
28 परिचय
29 हाल बुरे हैं
30 मैं तपस्वी
31 तुम न होते
32 माया
33 पहली किरण
34 गहरे पानी में
35 मर्यादा
36 मधुपान करा दो
37 सपने सजाऊँ
38 उसने देखा
39 हम प्रणय-गीत कैसे गाएँ
40 पार्थ के सम्मुख
41 गजरा टूटा
42 वही पखेरु
43 सपना देख
44 थकी दुपहरी सांझ ढली रे
45 मेरे कवि
46 मौन हूँ मैं
47 चाँदनी
48 सुन ले मेरे
49 बातें कर तलवार की
50 हर जगह
51 देश में
52 गीत गाना चाहता हूँ
53 पाषाण हूँ अब
54 जीवन तो चलता रहता है
55 फूल पर अंगार देखा
56 पुण्य क्या है पाप क्या है
57 अंतिम पहर
58 लोकतंत्र
//अनुक्रमणिका//
1 कबीरा
2 बिखरे हुए घर-बार
3 ज्ञान का पहिया
4 सियासत
5 सूरज है ढलने को
6 वीर लोग
7 तब की बातें
8 गाँव
9 ज़िंदगी
10 वह मेरा भगवान नहीं था
11 अब क्या होना पाठक जी
12 हम बैठे खामोश
13 फागुन आया री
14 अपना ही संसार
15 कैसे गाऊँ
16 मूर्तियाँ
17 रस्ता कट जाएगा
18 बेवफ़ा समंदर है
19 पंखों का विस्तार
20 आग लगाता है
21 मंजर देख ज़रा
22 बीती बात
23 घरौंदे की तरह
24 बादलों ने
25 स्वारथ
26 पैग़ाम लिखा
27 अकेला हो गया
28 परिचय
29 हाल बुरे हैं
30 मैं तपस्वी
31 तुम न होते
32 माया
33 पहली किरण
34 गहरे पानी में
35 मर्यादा
36 मधुपान करा दो
37 सपने सजाऊँ
38 उसने देखा
39 हम प्रणय-गीत कैसे गाएँ
40 पार्थ के सम्मुख
41 गजरा टूटा
42 वही पखेरु
43 सपना देख
44 थकी दुपहरी सांझ ढली रे
45 मेरे कवि
46 मौन हूँ मैं
47 चाँदनी
48 सुन ले मेरे
49 बातें कर तलवार की
50 हर जगह
51 देश में
52 गीत गाना चाहता हूँ
53 पाषाण हूँ अब
54 जीवन तो चलता रहता है
55 फूल पर अंगार देखा
56 पुण्य क्या है पाप क्या है
57 अंतिम पहर
58 लोकतंत्र
प्राप्ति स्थल
वैभव प्रकाशन
280, उद्भव, सेक्टर-4
पं. दीनदयाल उपाध्याय नगर
डगनिया, रायपुर, छत्तीसगढ़
मो.-94253-58748
------------------------------
मूल्य
100 रुपए
-----------------------------
मुख्य वितरक
राजसूर्य प्रकाशन
2/41-A, डी ब्लॉक, गामडी एक्सटेंशन
भजनपुरा, दिल्ली, 110053
----------------------------
वेब-प्रकाशन
जयप्रकाश
5 comments:
बल्कि मैं तो कहूंगा, इस तरह का, अपने तरह का हिन्दी का पहला गीत संग्रह!
गीत अच्छे हैं, प्रयास और अच्छा. इसे देख कर अन्य रचनाकार बंधुओं को भी प्रेरणा मिलेगी.
बहुत सुखद लगा यह पूरा संग्रह ब्लाग पर देखकर..... गीतकार को तो अच्छे गीतों के लिए बधाई दे रहा हूँ परन्तु इन्हें प्रस्तुत करके जयप्रकाश मानस जी ने बहुत ही अच्छा और अनुकरणीय कार्य किया है..... मानस जी को बहुत बहुत बधाई। कुछ अच्छे संग्रह ब्लाग के माध्यम से आने शुरू हुए हैं यह सुखद है निकट भविष्य में और भी अच्छा साहित्य यहाँ उपलब्ध हो सकेगा..... यह विश्वास है।
-डॉ॰ जगदीश व्योम
काव्य की विधाओं मे आज गीत और नवगीत और भी सुंदर रूप में सामने आ रहे है, इस गीत संग्रह का प्रस्तुतिकरण नि:संदेह अपने आप में अनोखा प्रयास है, गीत - कबीरा बहुत पसंद आया, बधाई स्वीकार करे.
-रेणु आहूजा.
Kavitayen bhav-Vichar-Kala ki drishti se utkrisht hai.
— MAHENDRA BHATNAGAR
GWALIOR
i like the list but some are going out of my mind
Post a Comment